Monday, September 19, 2016

पुंछ के शहीदों को नमन

(ये कविता मैंने ९ अगस्त २०१३ को उस समय लिखी थी जब पुंक्ष में सैनिक शहीद हुए थे ......अबतक तो कुछ भी नहीं बदला है )

सरहद ने फिर  जख्म खाये हैं, 
देश के पाँच वीर पुंछ से शहीद होकर आए हैं,
“ पाकिस्तान और आतंकवादियों की कायराना हरकत जैसे ”
कई बयान एक साथ आए है,
राजनेताओं से,
भारत मे यह एक चलन है ,
पिछले काफी समय से ,
जिसे हर विदेशी और आतंकवादी आक्रमण के बाद,
राज नेता करते आए है ।
इतिहास गवाह है,
आक्रमणकारी कभी कायर नही कहलाते ।  
कायर तो वो कहलाते हैं
जो आक्रमण का मुंह तोड़ जबाब नहीं दे पाते ।
अगर ये आक्रमण कायरता है,
तो पराक्रम  क्या है ?
पाकिस्तान  का बचाव करना,
खामोश रहना,
या समर्पण करना,
अगर यही सच है,
तो ये पराक्रम की उल्टी पराकाष्ठा है,
और  बेहद गैर जिम्मेदाराना है,
सच तो ये है कि ऐसे हमलों को
कायराना कहना ही कायराना है।
क्या हिंदुस्तान इतना
कमजोर है ?
असहाय है ?
लाचार है ?
पर दुनियाँ को संदेश तो यही गया है
कि यह देश बहुत बदहाल हो गया है ।   
पूरा विश्व जनता है कि
पाक है नापाक आक्रमणकारी,
और भारत है उतना ही कुख्यात वार्ताकारी ।
आखिर वार्ता क्यों हो और किसलिए ?
अगर हो ... तो सिर्फ इसलिए
कि बस .... बहुत हो गया
अब बात नहीं हो सकती
सीमा पर एक भी और हरकत
बर्दाश्त नहीं हो सकती,
अब पराक्रम दिखाने का वक्त आ गया है
दुश्मन को करारा जबाब देने का वक्त आ गया है  
पता नहीं ये वोटो की राजनीति है,
या शान्ति दूत दिखने का जोश,
वे सीमा पर जवानों के सिर भी
कलम कर ले जाते है
हम फिर भी रहते है खामोश,
इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति
और कुछ नहीं हो सकती है,
पर  भारत की राजनीति
सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है,    
एक राजनेता कहते है कि
लोग सेना मे शहीद होने के लिए ही जाते है,
और इसी की तनख्वाह पाते है,
संवेदन शून्य इन नेताओं के बेटे,
न तो सेना मे जाते है,
और न ही शहीद होते है,
वे चाहे देश मे पढे या विदेश मे ,
इंजीनियर हो या डाक्टर ,
बनते हैं सिर्फ वोटो के सौदागर,
और लाशों पर पैर रख कर,  
सत्ता की सीढिया चढ जाते हैं ,
मंत्री हो जाते है शासक बन जाते हैं,
आँसुओ से भीगी शहीदो की दहलीजों को
और अधिक मर्माहत कर जाते हैं ।
गुस्से मे उबलते
और वेवसी की आग मे जलते
शहीदो के इन परिवारो को सांत्वना और
सम्मान चाहिए ,
समूचे देश को इन परिवारों के आँसुओ का
और
इन शहीदो के बलिदानों का
हिसाब चाहिए,
ताकि ये बलिदान व्यर्थ न जाय  
और कभी कमी न हो जाय
देश पर जान देने वालों की,
और शहीदो के सम्मान की 
रक्षा करने वालों की ।

    *******

शिव प्रकाश मिश्रा